Not known Details About Shiv chaisa
Not known Details About Shiv chaisa
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मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
Whosoever gives incense, prasad and performs arti to Lord Shiva, with enjoy and devotion, enjoys materials joy and spiritual bliss in this environment and hereafter ascends on the abode of Lord Shiva. The poet prays that Lord Shiva eliminated the suffering of all and grants them eternal bliss.
It's believed that frequent chanting of Chalisa brings joy, peace, and prosperity within the life of your devotees.
अर्थ: पवित्र मन से इस पाठ को करने से भगवान शिव कर्ज में डूबे को भी समृद्ध बना देते हैं। यदि कोई संतान हीन हो तो उसकी इच्छा को भी भगवान शिव का प्रसाद निश्चित रुप से मिलता है। त्रयोदशी (चंद्रमास का तेरहवां दिन त्रयोदशी कहलाता है, हर चंद्रमास में दो त्रयोदशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में व एक शुक्ल पक्ष में) को पंडित बुलाकर हवन करवाने, ध्यान करने और व्रत रखने से किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं रहता।
सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥ वेद नाम महिमा तव गाई।
लै त्रिशूल शत्रुन को shiv chalisa lyricsl मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
Glory to Girija’s consort Shiva, who's compassionate to your destitute, who normally shields the saintly, the moon on whose forehead sheds its wonderful lustre, and in whose ears would be the pendants on the cobra hood.
नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
स्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
It's more info thought that typical chanting of Shiva Chalisa with utmost devotion has the ability to eliminate each of the obstacles and complications from 1’s lifetime.